Brain Eating Amoeba
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Brain Eating Amoeba Infection: पिछले कुछ महीनों में ब्रेन-ईटिंग अमीबा के 3 मामले सामने आने के बाद लोगों के मन में चिंता बढ़ रही है। ये तीनों मामले दक्षिण के राज्यों से सामने आए हैं। ब्रेन-ईटिंग अमीबा किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इससे बचने के तरीके जानना महत्वपूर्ण है।

Brain Eating Amoeba News :

केरल में एक 14 साल के लड़के की तालाब में नहाने के दौरान मौत हो गई। तालाब में नहाते वक्त बच्चे की नाक के जरिए Brain Eating amoeba शरीर में घुस गया और मस्तिष्क में जाकर गंभीर संक्रमण पैदा कर दिया। बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बच्चा तालाब में नहाते वक्त अमीबा के संपर्क में आया था, जिससे उसके मस्तिष्क में संक्रमण हो गया। अब सवाल यह उठता है कि Brain Eating Amoeba क्या होता है और यह कैसे लोगों के शरीर में घुस सकता है? आइए, इस बारे में कुछ तथ्य जानते हैं।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, ब्रेन में खतरनाक संक्रमण फैलाने वाले अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) है। यह अमीबा गर्म झीलों, नदियों और गर्म झरनों में पनपता है। इसे आमतौर पर “Brain Eating Amoeba” कहा जाता है, क्योंकि यह मस्तिष्क में संक्रमण पैदा कर सकता है और मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है। पानी की गतिविधियों के दौरान यह अमीबा नाक के जरिए शरीर में घुस सकता है। इससे मस्तिष्क में सूजन हो सकती है और प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) हो सकता है, जो एक जानलेवा संक्रमण है।

97% मामलों में हो जाती है मौत : CDC के अनुसार, कई बार यह अमीबा नल के पानी में भी पाया गया है। इस अमीबा के कारण मस्तिष्क में संक्रमण हो जाए, तो लोगों को सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। PAM संक्रमण तेजी से बढ़ता है और अधिकतर लोग संक्रमण होने के 1 से 18 दिनों के भीतर मौत के शिकार हो जाते हैं। Brain Eating Amoeba के 97 प्रतिशत मामलों में लोगों की जल्द ही मृत्यु हो जाती है।

नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होने वाला मस्तिष्क संक्रमण आमतौर पर गर्मियों के महीनों में किसी झील, नदी या अन्य पानी में तैरने के बाद होता है। संक्रमण अक्सर तब होता है जब पानी का तापमान अधिक होता है और पानी का स्तर कम होता है।

ऐसे भी शरीर में घुस सकता है Amoeba :

Brain Eating Amoeba के कई मामलों में देखा गया है कि लोग अपने साइनस को धोने या नाक साफ करने के लिए नल के पानी का उपयोग करते हैं, जिसमें नेगलेरिया फाउलेरी अमीबा हो सकता है। कुछ लोग स्प्लैश पैड और सर्फ पार्क जैसे पानी से संक्रमित हो गए हैं, जिसमें पर्याप्त क्लोरीन नहीं था। अगर आप अमीबा युक्त पानी को निगल लेते हैं, तो आपको नेगलेरिया फाउलेरी संक्रमण हो सकता है।इस अमीबा से आप किसी अन्य व्यक्ति से संक्रमित नहीं हो सकते हैं। यह अमीबा नाक के जरिए ही ब्रेन में पहुंचता है। इसके बाद संक्रमण फैल जाता है और कुछ ही दिनों में व्यक्ति की मौत हो जाती है।

कैसे लगाएं इस अमीबा का पता ?

CDC के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी इंफेक्शन का पता लगाना लैब टेस्ट से ही संभव है, लेकिन ये टेस्ट दुनियाभर में कुछ ही लैब में ही उपलब्ध होते हैं। यह संक्रमण बहुत ही दुर्लभ है और इसकी पहचान करना कठिन होता है। अक्सर इसे व्यक्ति की मौत के बाद ही पहचाना जाता है। नेगलेरिया फाउलेरी ब्रेन के ऊतकों को नष्ट कर सकता है और ब्रेन में सूजन पैदा कर सकता है। यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। इसके लिए सही समय पर इसे पहचाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके संक्रमण को शांत करने के लिए कुछ दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।

कैसे करें Brain Eating Amoeba से बचाव ?

नेगलेरिया फाउलेरी इंफेक्शन से बचने के लिए लोगों को किसी भी झील, नदी या झरना में स्विमिंग करते वक्त नाक पर क्लिप लगा लेनी चाहिए। आप गोगलेट पहनते समय अपनी नाक को पकड़ सकते हैं। गर्म झरनों में स्विमिंग करते समय हमेशा अपना सिर पानी के ऊपर रखें। शैलो वॉटर में स्विमिंग बिल्कुल न करें, क्योंकि वहां अमीबा के रहने की संभावना अधिक होती है। अपनी नाक को साफ करने के लिए डिस्टिल वॉटर या उबले हुए पानी का उपयोग करें। इसके अलावा, गंदे तालाब, नहर या नदी में नहाने से बचें। खासकर बारिश के मौसम में ऐसा नहीं करें।


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