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UPPCS में 6th टॉपर बनीं सल्तनत परवीन की मां ने कहा, उन्हें बेटी के जन्म के समय से भरोसा था वह एक दिन ऑफिसर बनेगी. UPPCS 2022 की परीक्षा के नतीजों में छठी रैंक पाना, सल्तनत के 7 सालों के इंतजार का फल है.

यूपीपीएससी में 6th टॉपर बनीं सल्तनत परवीन की मां ने कहा, उन्हें बेटी के जन्म के समय से भरोसा था वह एक दिन ऑफिसर बनेगी. UPPCS 2022 की परीक्षा के नतीजों में छठी रैंक पाना, सल्तनत के 7 सालों के इंतजार का फल है.

UPPCS सफलता की कहानी:

UPPSC Final Result 2022 के बाद से ही News18 हिंदी आपके लिए उन विजेताओं की कहानियाँ लेकर आ रहा है, जो इस परीक्षा में सफल हुए हैं। आज की कहानी में है UPPSC में 6वीं रैंक हासिल करने वाली सल्तनत परवीन की। अब उन्हें SDM का पद मिलेगा। सल्तनत की कहानी बाकी दुनिया से अधिक विशेष है। वह अपने माता-पिता की एकमात्र संतान हैं।

सल्तनत परवीन लखनऊ के अलीगंज में एक जॉइंट फैमिली में निवास करती हैं, मीडिया रिपोर्ट्स इसे जानते हैं कि उनके परिवार में 30-35 लोग हैं। सल्तनत के पिता मोहम्मद शमीम खान किराना स्टोर चलाते हैं, और उनकी मां आशिया खान गृहिणी हैं। इस मिडिल क्लास परिवार से जुड़ी माता-पिता ने बेटी को मेहनत और लगन से पढ़ाया। सल्तनत की पढ़ाई अलीगंज न्यू वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट से हुई। उन्होंने लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से 2016 में बीटेक पूरा किया।

बीटेक के बाद, वे परीक्षा की तैयारी में उतर गईं। इस बार उन्होंने UPPSC में चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है। पहले तीन बार, वे इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। इन वर्षों में कई बार ऐसे समय आए जब सल्तनत की हिम्मत हार गई, और उन्होंने एग्जाम देने से इनकार किया। सल्तनत परवीन की असफलता के बारे में केवल दूसरों की बातें ही नहीं सुनी गईं, बल्कि माता-पिता को भी ‘बेटी को इतना पढ़ाने की क्या ज़रूरत है’ जैसी टिप्पणियां सुननी पड़ी।

अपनी एकलौती बेटी को सफल बनाने के लिए माता-पिता ने कभी हिम्मत हारी नहीं, न ही उन्हें हारने दिया। आज सल्तनत की सफलता सभी की मेहनत का परिणाम है। UPPCS 2022 की परीक्षा में छठी रैंक हासिल करना, सल्तनत के 7 सालों के इंतजार का फल है।

यूपीपीएससी में 6वीं स्थान पर स्थित सल्तनत परवीन की मां ने कहा कि उन्हें बेटी के जन्म के समय से ही यह विश्वास था कि वह एक दिन ऑफिसर बनेगी। उन्होंने बेहतर पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी प्रतिभा दिखाई।

सल्तनत ने अपने परिवार, खासकर पिता का साथ कभी नहीं छोड़ा, जिन्होंने उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किया और समर्थन दिया। उन्होंने अपने 30 से 35 सदस्यों वाले परिवार के लिए आभार व्यक्त किया।


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